विश्व हाथी दिवस : हाथी:पृथ्वी का शानदार ,विशालकाय राजसी जीव

हाथी पृथ्वी पर मौजूद सबसे विशाल जानवरों में से एक है।हाथी को गणेश जी का साक्षात अवतार ही माना जाता है।गणेश जी को गजानन,लंबोदर भी कहते हैं। इसे धरती का सबसे ताकतवर जानवर भी माना जाता है। आमतौर पर, यह एक जंगली जानवर है हालांकि यह उचित प्रशिक्षण के बाद चिड़िया घर में या मनुष्यों के साथ घर में एक पालतू जानवर के रुप में भी रह सकता है। हाथी सदैव से ही मानवता के लिए एक बहुत ही उपयोगी जानवर रहा है।हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- लॉक्सोडॉण्टा प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी ) और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हाथी का गर्भ काल 22 महीनों का होता है, जो कि ज़मीनी जीवों में सबसे लम्बा है।जन्म के समय हाथी का बच्चा क़रीब 104 किलो का होता है।हाथी अमूमन 50 से 70 वर्ष तक जीवित रहता है, हालाँकि सबसे दीर्घायु हाथी 82 वर्ष का दर्ज किया गया है। आज तक का दर्ज किया गया सबसे विशाल हाथी सन् 1955 ई॰ में अंगोला में मारा गया था।इस नर का वज़न लगभग 10,900 किलो था और कन्धे तक की ऊँचाई 3.96 मी॰ थी जो कि एक सामान्य अफ़्रीकी हाथी से लगभग एक मीटर ज़्यादा है। इतिहास के सबसे छोटे हाथी यूनान के क्रीट द्वीप में पाये जाते थे और गाय के बछड़े अथवा सूअर के आकार के होते थे।
एशियाई सभ्यताओं में हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ उनकी बुद्धिमानी डॉल्फ़िन तथा वनमानुषों के बराबर मानी जाती है।हाथी के पसंदीदा भोजन क्या है? विशेष रूप से बांस और झाड़ियों पेड़ की छाल इसके अलावा, हाथियों ज्यादातर फूल, पत्तियां, जंगली फल, टहनियाँ खाते हैं। कुल मिलाकर, उनके जंगली में मुख्य खाद्य घास है।हाथी भूमि पर रहने वाला सबसे विशालकाय प्राणी है।हाथी के पैर किसी मजबूत स्तंभ की तरह उसके पूरे शरीर को सहारा देते हैं।यह विशालकाय जानवर अपनी सूंड दूसरे प्राणियों को चेतावनी देने के लिए अथवा मित्र या शत्रु को सुनने के लिए उठाता है।
हाथी के मुंह के अंदर भी छोटें दांत होते है जिनके मदद से हाथी अपना खाना खाता है। प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को, हम विश्व हाथी दिवस के साथ पृथ्वी के सबसे शानदार जीवों में से एक हाथी का सम्मान करते हैं। दुर्भाग्यवश पिछले एक दशक में, हाथियों की संख्या में 62% की काफी गिरावट आई है और वे अगले दशक के अंत तक अधिकतर विलुप्त हो जाने की कगार पर हैं,या विलुप्त हो सकते हैं। ऐसा अनुमान है कि हर दिन शिकारियों द्वारा 100 अफ्रीकी हाथियों को मार डाला जाता है। एशियाई बाजारों में हाथी दांत की चाहत के कारण हजारों हाथियों का वध हुआ है। विश्व हाथी दिवस इन राजसी जीवों को बचाने के लिए जागरूकता बढ़ाने और बदलाव लाने के लिए बनाया गया है। दुनिया भर में 100 से अधिक हाथी संरक्षण संगठनों के साथ पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड के हाथी पुनरुत्पादन फाउंडेशन द्वारा 2012 में इसकी स्थापना के बाद से, विश्व हाथी दिवस उन लाखों लोगों तक पहुंच गया है जो हाथियों से प्यार करते हैं और हाथियों की मदद के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करना चाहते हैं। विश्व हाथी दिवस एक ऐसा दिन है जहां संगठन और व्यक्ति हाथियों को खतरे में डालने वाले मुद्दों को आवाज देने के लिए एक साथ रैली करते हैं,जन जागरूकता अभियान चलाते हैं। यह शक्तिशाली, सामूहिक वैश्विक आंदोलन दुनिया को हाथियों और उनके आवासों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए संरक्षण समाधान स्थापित करने और समर्थन करने का एक तरीका प्रदान करता है ताकि आने वाली पीढ़ियां उनकी सराहना कर सकें।आइए जानते हैं विश्व हाथी दिवस का इतिहास,दुनियाभर में 12 अगस्त को हाथी दिवस (World Elephant Day) के रूप में मनाया जाता है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता पैदा करने और ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को लॉन्च किया गया था।हाथी मुख्य रूप से भारत, श्रीलंका ,अफ्रीका, थाईलैंड इत्यादि देशों में मिलते हैं।
हाथियों को दो मुख्य भागों में बाटा जाता है- अफ्रीकी हाथी तथा एशियाई हाथी। हाथी की कुल प्रजातियों में से सबसे दुर्लभ प्रजाति सफेद हाथी को माना जाता है। सफेद हाथी मुख्य रूप से थाईलैंड में पाया जाता है।हाथी एक शाकाहारी प्राणी है जो आहार में सामान्यतः फल फूल, पत्ते, टहनियां, भूसा, आदि खाना पसंद करता है।पूरी दुनिया में हाथी ही एक ऐसा जानवर है जिसके दांत, हड्डियां, खाल इत्यादि बहुत महंगे बिकते हैं। हाथी के दांत और हड्डियों से कई प्रकार की दवाइयां और महंगे सजावट के सामान बनाए जाते हैं।हाथियों को राजा महाराजाओं की सवारी की तरह प्रयोग किया जाता था इसीलिए हाथी को शाही पशु भी कहा जाता है।आज हाथियों का खाल के लिए हाथी दांत के लिए अंधाधुंध शिकार हो रहे है।अवैध रूप से इन्हे बंदी बनाया जा रहा है।निर्ममता पूर्वक हत्या की जा रही है।ऐसे में 12अगस्त विश्व हाथी संरक्षण दिवस की महत्ता बढ़ जाती है।पृथ्वी के इस,शाही ,राजसी ,विशालकाय जीव को बचाना है।जिसके आगे जंगल का राजा शेर भी शीश नवाता है।
द्वारा डॉक्टर रामानुज पाठक सतना मध्यप्रदेश।संपर्क7974246591.
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