अलविदा कह गए बॉलीवुड के दो दिग्गज अदाकार

अलविदा कह गए बॉलीवुड के दो दिग्गज अदाकार

 

मेरे शरीर में कुछ अनवांटेड मेहमान बैठे है फिलहाल उनसे वार्तालाप चल रहा है, देखते है ऊट किस करवट बैठता है, जैसा भी होगा आपको इक्तिलाह कर दी जाएगी| यह बोल है बेहतरीन अदाकार इरफान खान की जो अब हमारे बीच नहीं रहे। आखिरी बोल के साथ इरफान खान इस दुनिया को अलविदा कह गए।

इरफान खान का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा था| शून्य से शिखर तक का उनका सफर हर किसी को याद है। फ़िल्मी जगत में अपना नाम कमाने के लिए इरफ़ान खान ने बहुत मेहनत की और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। सलाम बॉम्बे नामक फिल्म से इरफान खान ने फ़िल्मी जगत में अपना कदम रखा। द वारियर, मकबूल,  लाइफ इन ए मेट्रो , पान सिंह तोमर, लंच बॉक्स,  पीकू, हिंदी मीडियम और उनकी आखरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम के साथ सभी के दिलों में जगह बना ली। अपनी  बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें कई सम्मानित अवार्ड से भी नवाजा गया। इरफ़ान खान की फिल्म पान सिंह तोमर के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर से नवाजा गया था। एशियन फिल्म अवार्ड, फिल्मफेयर अवार्ड के साथ साथ वर्ष 2011 में इरफ़ान खान को पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया। इरफ़ान खान के कल इस दुनिया को अलविदा कहने पर ऐसा लगा जैसे कोई अपना गया हो उनकी अदाकारी हमेशा फिल्मी जगत में और लाखों फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी।

इरफ़ान खान के निधन के बाद देश गम में था और ये गम कम भी नहीं हुआ की बॉलीवुड के एक और दिग्गज अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया| 4 सितम्बर 1952 में जन्म लेने वाले अदाकार ऋषि कपूर ने आज अपनी अंतिम सांस ली| 1970 में ही ऋषि कपूर ने फ़िल्म जगत में अपना कदम रख दिया था| बतौर चाइल्ड एक्टर मेरा नाम जोकर फिल्म से ऋषि कपूर ने अपनी पहली फिल्म की और बतौर लीड एक्टर उन्होंने फिल्म बॉबी से सबका दिल जीता|

कपूर खानदान में जन्मे ऋषि कपूर ने फ़िल्मी दुनिया में नाम कमाने के लिए बहुत मेहनत की| बॉबी, लैला मजनू,  रफू चक्कर, प्रेम रोग ,चाँदनी , बोल राधा बोल ऐसी तमाम फिल्मों के साथ लाखों करोड़ों फैन्स के दिल में जगह बना ली| उनकी फिल्म मेरा नाम जोकर के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट चाइल्ड एक्टर से नवाजा गया था|  और आज उस हस्ते हुए चेहरे ने हम सबको अलविदा कह दिया| 

हम जिन फ़िल्मी सितारों को देखते है जिनके डाइलौग हमारे  इर्द गिर्द घूमते है वो किरदार अक्सर  हमसे एक अलग जुडाव रखते है| और उनका हमसे दूर चले जाना बहुत कुछ खो देने जैसा है| जिन किरदारों ने हमें हसाया, हमारी भावनाओं को संजोया उनका हमसे दूर चले जाना पीड़ा तो देता है| नमन इरफ़ान जी , नमन ऋषि जी

मै ज़िन्दगी के रफ़्तार के साथ चला था, कमबख्त ये ज़िन्दगी ही साथ न चल पाई!