जनवरी से मार्च तक 67 करोड़ डोज मिलेंगे
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत,इससे पूरा होगा टीकाकरण

देश में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। कुछ राज्यों में कोरोना के नए मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। खतरा दोनों तरफ से है। हालांकि दो और वैक्सीन को मंजूरी मिलने से उम्मीद जागी है कि योग्य आबादी को जल्द दोनों डोज लग जाएगी। राहत यह भी है कि योग्य आबादी को जितने टीके लगने हैं, उनकी उपलब्धता जनवरी से मार्च तक हो जाएगी।
वैक्सीन के डोज और आबादी का गणित
- 18 वर्ष से अधिक उम्र: देश में इस उम्र के 94 करोड़ लोग हैं। 84.27 करोड़ को एक डोज लग चुकी है। बाकी 10 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगनी है। यानी 20 करोड़ डोज। वहीं 59.42 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। ऐसे में 25 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें दूसरी डोज लगनी है। यानी शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए 45 करोड़ डोज चाहिए।
- 15 से 18 वर्ष के किशोर और बीमार बुजुर्ग: 15 से 18 वर्ष के 7.5 करोड़ किशोर, 4 करोड़ फ्रंटलाइन व हेल्थ केयर वर्कर और 2.75 करोड़ गंभीर बीमार बुजुर्गों को टीके लगने हैं।
इस समूह को पूरी तरह वैक्सीनेट करने के लिए करीब 22 करोड़ डोज चाहिए। इस तरह योग्य आबादी के टीकाकरण के लिए 67 करोड़ डोज की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ये डोज फरवरी से मार्च तक मिल जाएंगी। राज्य सरकारों पर निर्भर करता है कि वे कितनी जल्दी टीके लगाती हैं।
अमेरिका में स्टडी: बच्चों पर ओमिक्रॉन का गंभीर असर नहीं
अमेरिका में इस माह ओमिक्रॉन संक्रमित बच्चों के भर्ती हाेने की संख्या 50% बढ़ी है। हालांकि फिलाडेल्फिया के शोधकर्ता डॉ. डेविड रूबिन के मुताबिक, वयस्कों की तरह बच्चों में भी ओमिक्रॉन के बेहद हल्के लक्षण हैं। 5 साल से छोटे बच्चे भर्ती हो रहे हैं क्योंकि उन्हें टीके नहीं लगे हैं।
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