MP के स्कूलों में लगेगी वैक्सीन
घर-घर जाकर बच्चों को ढूंढना मुश्किल इसलिए स्कूलों में ही लगेंगे टीके

मध्यप्रदेश में तीन जनवरी से प्रदेशभर के किशोरों के वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत होगी. मध्यप्रदेश में किशोरों के वैक्सीनेशन की शुरुआत स्कूलों से की जाएगी. प्रदेश के स्कूलों में 3 जनवरी से कैंप लगाकर 15 से 18 साल तक के किशोरों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा. वैक्सीनेशन के लिए 1 जनवरी 2004 से 1 जनवरी 2007 के बीच जन्म लेने वाले बच्चे ही पात्र रहेंगे.
घर-घर जाकर बच्चों को ढूंढना मुश्किल स्कूलों में ही लगेंगे टीके
प्रदेशभर में किशोरों की संख्या करीब 49 लाख है. टीकाकरण के लिए किशोरों को घर-घर से ढूंढना मुश्किल होगा. इसीलिए आसान तरीके से टीकाकरण के लिए स्कूलों में ही कैंप लगाकर टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि इसके लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बीच सहमति बन गई है. टीका लगवाने के लिए केवल वही बच्चे पात्र होंगे जिनका जन्म 1 जनवरी 2004 से 1 जनवरी 2007 के बीच हुआ है, इन सभी किशोरों को को-वैक्सीन लगाई जाएगी.
स्कूल शिक्षा विभाग को तैयारियां दुरुस्त करने के दिशा निर्देश
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि जो बच्चे जिस भी स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें उसी स्कूल में वैक्सीन लगाई जाएगी. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सभी किशोरों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा. स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश भर के सभी स्कूलों को वैक्सीनेशन के लिए सही तरीके से तैयारियां करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश में कक्षा 9वी से कक्षा बारहवीं तक के मध्य प्रदेश बोर्ड के सरकारी,निजी और सीबीएसई स्कूलों में करीब 40 लाख से ज्यादा छात्र छात्राएं अध्यनरत है.
बोर्ड परीक्षाओं की शुरआत से पहले वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि प्रदेश में 15 साल तक के सभी बच्चों को मीजल्स और रूबेला का टीका स्कूलों में ही लगाया गया था. इसी तर्ज पर किशोरों को भी कोरोना रोधी टीका स्कूलों में ही लगाया जाएगा. मध्यप्रदेश में कक्षा 10वीं-कक्षा 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन ली जाने की तैयारियां की जा रही है. ऑफलाइन परीक्षा से पहले बोर्ड परीक्षा के सभी छात्र छात्राओं को वैक्सीनेशन लगाने की तैयारियां है..बोर्ड परीक्षाओं के बीच में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा ना रहे.
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